मोरनी के इश्क में सुर्खाब हो के देखिये
आइये इस खेल में, बर्बाद हो के देखिये
खुद ही बार-बार जख्म खाने कहेगा दिल
घायल किसी नज़र से एक बार हो के देखिये
शायरी का क्या है, आप चली आएगी
बेतलब इश्क के फनकार हो के देखिये
फिर सिमट कर 'और' ही आप हो जायेंगे
आगोश में उनके जार-जार हो के देखिये
नाम किसका है काबिज़ अहल-ऐ-जहाँ में 'तीर्थराज'
बदनाम किसी के नाम से सर-ऐ-बाज़ार हो के देखिये